
पति के निधन के बाद महिला से कर रहे थे वसूली
देहरादून, 21 जुलाई 2025: देहरादून में जिला प्रशासन ने महिला के बीमित ऋण मामले में जबरन वसूली करने वाले एक निजी बैंक पर सख्त कार्रवाई की है। जिलाधिकारी सविन बंसल के आदेश पर राजपुर रोड स्थित सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड की शाखा को सील कर ताला जड़ दिया गया।
यह कार्रवाई उस स्थिति में की गई जब महिला के पति के निधन के बाद भी बैंक बीमित ऋण की रकम समायोजित करने के बजाय महिला को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था।
यह है पूरा मामला
देहरादून के झाझरा निवासी प्रिया, जिनके पति विकास कुमार ने 30 अप्रैल 2024 को सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड, वृंदावन टावर, न्यू कैंट रोड, हाथीबड़कला से 6.50 लाख रुपये का हाउसिंग लोन लिया था। ऋण जारी करने से पहले ही उस पर टाटा एआई लाइफ इंश्योरेंस से बीमा कवर भी करा दिया गया था।
दुर्भाग्यवश प्रिया के पति 12 जुलाई 2024 को निधन हो गया। पति के जाने के बाद चार बच्चों की जिम्मेदारी संभाल रही प्रिया आर्थिक तंगी में जी रही हैं। बीमा के तहत ऋण माफ हो जाना चाहिए था, लेकिन बैंक ने एक साल बीत जाने के बाद भी बीमा क्लेम का निपटारा नहीं किया। उल्टा, प्रिया के घर के कागजात जब्त कर उन्हें वसूली के लिए बार-बार धमकाया जा रहा था।
डीएम ने लिया संज्ञान, दिखाई सख्ती
प्रिया ने 11 जुलाई 2025 को जिलाधिकारी सविन बंसल से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई थी। डीएम ने मामले को गम्भीर मानते हुए बैंक के प्रबंधक के खिलाफ 6.50 लाख रुपये की रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर एक सप्ताह में भुगतान के आदेश दिए लेकिन बैंक ने आदेश की अनदेखी की। न आरसी की राशि जमा कराई, न महिला को नो ड्यूज सर्टिफिकेट सौंपा।
इसे प्रशासन ने महिला के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए डीएम बंसल के निर्देश पर तहसील प्रशासन ने सोमवार को बैंक शाखा को सील कर ताला जड़ दिया।
एक महीने में दूसरी बड़ी कार्रवाई
गौरतलब है कि देहरादून प्रशासन ने एक माह के भीतर दूसरी बार बीमित ऋण के मामले में बैंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इससे संदेश साफ है कि बीमे के बावजूद जबरन वसूली या प्रताड़ना करने वाले किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था को बख्शा नहीं जाएगा।
डीएम सविन बंसल का कहना है, “कोई भी बैंक या वित्तीय संस्था महिला, बुजुर्ग या किसी भी आम नागरिक का शोषण नहीं कर सकती। यदि बीमित ऋण में ऐसा पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
क्या कहते हैं बीमित ऋण में नियम
➡ यदि किसी ऋण पर बीमा कवर हो और बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, तो ऋणदाता बैंक को बीमा कंपनी से क्लेम लेकर ऋण समायोजित करना होता है।
➡ बीमित ऋण में परिजनों से वसूली करना नियम विरुद्ध और अवैध है।