स्वच्छता रैंकिंग में उत्तराखंड : लालकुआं सबसे स्वच्छ, हरिद्वार फिसड्डी

देहरादून |
देशभर में घोषित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024–25 की रिपोर्ट में उत्तराखंड का प्रदर्शन मिश्रित रहा। एक ओर जहां लालकुआं ने राज्य में पहला स्थान प्राप्त कर अपनी स्वच्छता यात्रा को सफल साबित किया, वहीं हरिद्वार जैसे बड़े धार्मिक शहर ने निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए अंतिम पायदान पर जगह बनाई।
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राष्ट्रीय स्तर की तस्वीर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार प्रदान किए।
देशभर के 4,500+ शहरी निकायों का मूल्यांकन किया गया जिसमें 10 प्रमुख मापदंड और 54 संकेतकों पर शहरों का आंकलन हुआ।
14 करोड़ से अधिक लोगों की भागीदारी के साथ यह अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण रहा।
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उत्तराखंड का प्रदर्शन आंकड़ों में
1. लालकुआं
राष्ट्रीय स्तर पर 54वीं रैंक और उत्तराखंड में पहला स्थान।
डोर-टू-डोर कचरा संग्रह, कूड़ा पृथक्करण, प्लास्टिक मुक्त अभियान में अव्वल।
2. रुद्रपुर
राज्य में दूसरे स्थान पर।
रिहायशी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान, सार्वजनिक शौचालयों की गुणवत्ता में सुधार।
3. मसूरी
तीसरे स्थान पर।
पर्यटक नगरी के रूप में साफ-सफाई बनाए रखने के प्रयास सराहनीय।
4. देहरादून
राज्य में 13वां स्थान, राष्ट्रीय टॉप‑100 में शामिल नहीं।
कई वार्डों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था असंतुलित।
5. अन्य प्रमुख शहर
ऋषिकेश – 10वां
कोटद्वार – 9वां
हल्द्वानी – 14वां
हरिद्वार – राज्य में सबसे निचले पायदान (20वां)
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सुधार और चुनौतियाँ
पौड़ी नगर पालिका ने 2023 की तुलना में 15 स्थान ऊपर चढ़कर 63वीं राष्ट्रीय रैंक हासिल की।
देहरादून में स्रोत पृथक्करण, अपशिष्ट प्रबंधन और जागरूकता अभियान में भारी कमी देखी गई।
हरिद्वार में खुले में शौच और अव्यवस्थित नालियों की स्थिति चिंताजनक बनी रही।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिणामों को “चेतावनी और अवसर” बताया। उन्होंने कहा—
> “हमें राज्य की स्वच्छता रैंकिंग सुधारनी ही होगी। बड़े शहरों में खासकर तकनीकी और बुनियादी सुधारों की आवश्यकता है।”
उन्होंने देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और कोटद्वार जैसे शहरों में विशेष निगरानी और त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए।